ब्रिटेन की संसद ने 09 जनवरी 2020 को आखिरकार ब्रेक्जिट समझौते को मंजूरी प्रदान कर दी है. इसी के साथ ब्रिटेन के 31 जनवरी को यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. यह कदम ऐतिहासिक है, क्योंकि यह समझौता ब्रिटिश संसद में एक साल से अधिक समय से अटका हुआ था.
ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन (EU) से अलग होने वाला पहला देश बन जाएगा. ब्रेक्जिट समझौते के पक्ष में 330 वोट जबकि विरोध में 231 वोट पड़े. ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमंस ने 09 जनवरी 2020 को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के ईयू से अलग होने के समझौते को 231 के मुकाबले 330 मतों से मंजूरी प्रदान कर दी.
ब्रेक्जिट पर सांसदों की मंजूरी के बाद ब्रिटेन के 31 जनवरी को यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. हालांकि अभी ‘ईयू-यूके विदड्रॉल एग्रीमेंट बिल’ को अनिर्वाचित हाउस ऑफ लॉर्ड्स तथा यूरोपीय संसद द्वारा पारित किया जाना बाकी है. इसे केवल औपचारिकता मात्र माना जा रहा है.
ब्रेक्जिट क्या है?
ब्रेक्जिट का मतलब है ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से बाहर निकलना. ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से बाहर निकलने का निर्णय लिया है. बाहर निकलने की यह प्रक्रिया ‘ब्रेक्जिट’ के नाम से जानी जाने लगी है. इसके पहले 23 जून 2016 को जनमत संग्रह में ब्रिटेन के 51.89 प्रतिशत लोगों ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में मत दिया था.
यूरोपीय संघ (ईयू)
यूरोपीय संघ (ईयू) 28 देशों का शक्तिशाली समूह है. इस समूह में फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देश आर्थिक और राजनीतिक रूप से जुडे़ हुए हैं. यूरोपिय संघ सदस्य राष्ट्रों को एकल बाजार के रूप में मान्यता देता है. यूरोपीय संघ सभी सदस्य राष्ट्रों के लिए एक तरह की व्यापार, मतस्य, क्षेत्रीय विकास की नीति पर अमल करता है.
यूरोपिय संघ ने साल 1999 में साझी मुद्रा ‘यूरो’ की शुरुआत की जिसे पंद्रह सदस्य देशों ने अपनाया. यूरोपीय संघ को साल 2012 में यूरोप में शांति और सुलह, लोकतंत्र और मानव अधिकारों की उन्नति में अपने योगदान हेतु नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
ब्रिटेन ऐसा करने वाला पहला देश
ब्रिटेन साल 1973 में 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ का सदस्य बना था. ब्रेक्जिट के साथ ब्रिटेन की लगभग पांच दशक पुरानी सदस्यता पूरी तरह से खत्म हो जाएगी. ब्रिटेन ऐसा करने वाला पहला देश होगा.