क्यूँ भारतीय ” उत्तर भारतीय ” मनाते हैं छट का पवन त्यौहार ?

नवरात्र, दूर्गा पूजा की तरह छठ पूजा भी हिंदूओं का प्रमुख त्योहार है. कार्तिक महीने में मनाए जाने वाले छठ पूजा त्योहार का बेहद महत्व है. छठ पूजा मुख्य रूप से सूर्यदेव की उपासना का पर्व है. छठ को सूर्य देवता की बहन माना जाता है. छठ पर्व में सूर्योपासना करने से छठ माई प्रसन्न होती हैं और घर परिवार में सुख शांति व धन-धान्य से संपन्न करती हैं.

सूर्य देव की आराधना का यह पर्व साल में दो बार मनाया जाता है. चैत्र शुक्ल षष्ठी व कार्तिक शुक्ल षष्ठी. हालांकि कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाने वाला छठ पर्व मुख्य माना जाता है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व को छठ पूजा, डाला छठ, छठी माई पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा आदि कई नामों से जाना जाता है.

छठ पूजा?

छठ पूजा करने या उपवास रखने के सबके अपने अपने कारण होते हैं लेकिन मुख्य रूप से छठ पूजा सूर्य देव की उपासना कर उनकी कृपा पाने के लिये की जाती है. सूर्य देव की कृपा से सेहत अच्छी रहती है. सूर्य देव की कृपा से घर में धन धान्य के भंडार भरे रहते हैं. छठ माई संतान प्रदान करती हैं. सूर्य सी श्रेष्ठ संतान के लिये भी यह उपवास रखा जाता है. अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये भी इस व्रत को रखा जाता है.

कैसे हुई उत्पत्ति?
छठ देवी को सूर्य देव की बहन बताया जाता है. लेकिन छठ व्रत कथा के अनुसार छठ देवी ईश्वर की पुत्री देवसेना बताई गई हैं. देवसेना अपने परिचय में कहती हैं कि वह प्रकृति की मूल प्रवृति के छठवें अंश से उत्पन्न हुई हैं यही कारण है कि इन्हे षष्ठी कहा जाता है. देवी कहती हैं यदि आप संतान प्राप्ति की कामना करते हैं तो मेरी विधिवत पूजा करें. यह पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को करनी चाहिए

पौराणिक ग्रंथों में इस रामायण काल में भगवान श्री राम के अयोध्या आने के पश्चात माता सीता के साथ मिलकर कार्तिक शुक्ल षष्ठी को सूर्योपासना करने से भी जोड़ा जाता है, महाभारत काल में कुंती द्वारा विवाह से पहले सूर्योपासना से पुत्र की प्राप्ति से भी इसे जोड़ा जाता है.

Leave a Comment

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *