रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित पिनाका मिसाइल प्रणाली का हाल ही में ओडिसा के चांदीपुर तट से सफल परीक्षण किया गया. पिनाका मार्क-2 महज 44 सेकंड में 12 रॉकेट दागने में सक्षम है. पिनाका मार्क-2 ने सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया.
पिनाका मार्क-2 रॉकेट को मिसाइल के रूप में सुधारा गया है. इसमें नौसंचालन, नियंत्रण और दिशा-प्रणाली जोड़ी गई हैं, ताकि उसकी सटीकता और रेंज में वृद्धि हो सके. मिसाइल की नौसंचालन प्रणाली को भारतीय क्षेत्रीय नौसंचालन उपग्रह प्रणाली से भी सहायता मिलती है.
पिनाका मार्क-2 के बारे में
पिनाका मार्क-2 रॉकेट को नेवीगेशन, कंट्रोल और गाइडेंस सिस्टम से जोड़कर मिसाइल के तौर विकसित किया गया है. इससे रेंज बढ़ने के साथ लक्ष्य को भेदने की क्षमता और बेहतर हो गई है.
मिसाइल के नेवीगेशन सिस्टम को इंडियन रीजनल सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) का सपोर्ट हासिल है जिसे ‘नाविक’ भी कहा जाता है.
पिनाका को पुणे के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर, एआरसीआई और हैदराबाद की रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है.
पिनाका आर्टिलरी मिसाइल प्रणाली है. यह पूरी सटीकता के साथ दुश्मन के इलाके में 75 किलोमीटर तक मार कर सकती है.
डीआरडीओ ने कहा कि दिन के समय किए गए परीक्षण के दौरान वेपन सिस्टम ने लक्ष्य को भेदने में उच्चतम सटीकता का प्रदर्शन किया.
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पिनाका के बारे में
पिनाका भारत में उत्पादित एक बहुखंडीय रॉकेट लांचर है. यह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है. इस प्रणाली में मार्क-1 के लिए 40 किलोमीटर की अधिकतम सीमा है. यह मात्र 44 सेकंड में 12 उच्च विस्फोटक रॉकेट के उपलक्ष्य फायर कर सकता है. यह प्रणाली गतिशीलता के लिए टाट्रा ट्रक पर आरोहित है.
पिनाका का विकास दिसंबर 1986 में शुरू हुआ था. इसमें 26.47 करोड़ रुपये का स्वीकृत बजट था. आर्ममेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट, पुणे स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला ने इस प्रणाली का विकास किया.
इसकी आधुनिक तकनीक की वजह से इसकी सटीक निशाना लगाने की क्षमता एवं विध्वंसक क्षमता अधिक होती है. पिनाका मिसाइल प्रणाली 75 किमी दूरी तक उच्च सटीकता के साथ दुश्मन के इलाके में हमला करने में सक्षम है. अब इसे और ज्यादा दूरी पर सटीक से सटीक निशाना लगाने में सक्षम बनाया जा रहा है.
पृष्ठभूमि
भारतीय सेना ने साल 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पिनाका मार्क-1 संस्करण का उपयोग किया था. भारतीय सेना ने पहाड़ की चौकियों पर तैनात पाकिस्तानी चौकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था.