पुर्तगाल ने गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार की घोषणा की, जानें क्या है गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार?

पुर्तगाल के प्रधानमंत्री अंतोनियो कोस्टा ने हाल ही में महात्मा गांधी के आदर्शों को शाश्वत बनाए रखने हेतु उनके विचारों और उद्धरणों से प्रेरित ‘गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार’ आरंभ करने की घोषणा की है. अंतोनियो कोस्टा ने कहा कि ‘गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार’ सामाजिक कल्याण के लिए समर्पित होगा.

गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार के बारे में

पुर्तगाल के प्रधानमंत्री अंतोनियो कोस्टा ने कहा कि पहले साल का पुरस्कार पशु कल्याण के लिए समर्पित होगा क्योंकि महात्मा गांधी का कहना था कि किसी भी राष्ट्र की महानता पशुओं के प्रति उसके व्यवहार से आंकी जा सकती है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का प्रेम एवं सहिष्णुता का संदेश आज भी क्रांतिकारी बदलाव लाने में सक्षम है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी के प्रति पूरे विश्व में सम्मान एवं श्रद्धा का भाव है, क्योंकि दुनिया समझ रही है कि शांति, समानता तथा अहिंसा का उनका दृष्टिकोण आज कहीं अधिक प्रासंगिक है. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी के विचार तनाव और संघर्ष तथा जलवायु संकट जैसे विषयों पर सही राह दिखा सकते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी को महात्मा गांधी के विचारों और दर्शन का अनुकरण करना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व महात्मा गांधी को अधिक से अधिक जानने तथा उनके विचार अपनाने को उत्सुक है. महात्मा गांधी के विचारों और दर्शन की प्रासंगिकता से विश्व को अवगत कराना यह भारत की जिम्मेदारी है.

भारत-पुर्तगाल संबंध

भारत और पुर्तगाल ने अपने द्विपक्षीय संबंधों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. भारत और पुर्तगाल के बीच उच्च स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान ने द्विपक्षीय संबंधों को एक मजबूत गति प्रदान की है, जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा, स्टार्टअप, पोत, युवा आदान प्रदान और संस्कृति जैसे कई नए क्षेत्र शामिल हैं. दोनों देशों ने साल 1955 में अपने राजनयिक संबंधों को काट दिया और पुर्तगाल ने भारतीय संप्रभुता को मान्यता देने से इनकार कर दिया.

साल 1974 में, भारत ने पुर्तगाल में एक नई सरकार के साथ अपने राजनयिक संबंधों की शुरुआत की. हालाँकि, साल 1991 में व्यापार संबंध बढ़े क्योंकि दोनों देशों ने भारत से विभिन्न उत्पादों जैसे कालीन, जवाहरात, चमड़े के जूते, कॉफी, चाय, और वस्त्रों के विदेशी निर्यात पर सहमति व्यक्त की.

Leave a Comment

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *